Saturday, June 29, 2013

पहला सत्र

नमस्कार ;सब से पहले मै आप से माफ़ी मागता हूँ क्यों कि ये ब्लॉग मैं एक सप्ताह देरी से लिख़ रहा हूँ !  जैसा कि आप जानते की डॉ सुरेन्द्र दलाल का स्वर्गवास हो चूका है !भगवान उनकि आत्मा को  शांति दे !उनके अधूरे कार्य को पूरा करने के  लिए उनकी टीम ने कमर कस ली है जिस टीम में डॉ सुरेन्द्र दलाल आज भी जिन्दा हैं ! टीम के नेत्रत्व द्वारा तय कर लिया गया था कि टीम द्वारा एक बहुग्रामी खेत पाठशाला राजपुरा (भेंण )में पुरुष किसानो की तथा ललितखेड़ा में महिला किसानो की चलाई जाएगी !आज पुरुष पाठशाला का पहला दिन है !जब मैं मेरे गावं ईगराह से चलने के लिए तैयार हुआ तो मुझे ख़ुशी हुई जब मुझे पता चला कि मेरे साथ पांच किसान  मास्टर सुल्तान ;धर्मबीर ;कुलदीप ;सत्यवान भगतजी व् पंकज भी अपनी जुम्मेवारी निभाने जा रहे हैं !दूसरी ख़ुशी हुई जब धर्मबीर ने आकर कहा कि कार की बजाय थ्रीव्हीलर में चलना पसंद करेंगे !ख़ुशी इस बात की थी कि मै भी यही चाहता था !क्योंकि एक तो मेरी कार टूटी फूटी है और तेल ज्यादा रूपये का पीती है दूसरा थ्रिविलर पर किट पके लिए निश्चित खेत पर पहुंचे हम समय से पहले पहुंचे थे !इसलिये  बलवान सरपंच को फोन करके बुलाना पड़ा !इस के बाद डॉ कमल रणबीर मलिक कुलदीप ढाण्डा के साथ नए पुराने किसानो का लारा लग गया !किसान निडाना ;निडानी ,इटल खुर्द ,गुलकनी ,ईगराह ,सिरसा खेडी ,खरकरामजी,राजपुरा(भैण )  ,ल्ल्लित खेड़ा ,चाभारी ,भूरायण ,जैसे दूर दराज के गाँव से पहुंचे साथ में पहुंचे विजय भाई सहाब;(जो कि डॉ सुरेन्द्र  दलाल के भाई है)कुलदीप ढांडा(सचिव जाट धर्माथ कमेटी जींद  )  डॉ बलजीत भेयान (एच डीओ उद्यान विभाग जींद ) भी पहुंचे !किसानो की संख्या देख  गद-गद हुये रणबीर मलिक ने किसानो व् महमानों का पाठशाला  मे पहुँचने पर तहदिल से स्वागत किया तथा विजय भाई सहाब  को शुभारम्भ के लिए आमन्त्रित किया !विजय भाई सहाब ने किसानो को कापी पैन बाँट कर किसान खेत पाठशाला का विधिवत शुभारम्भ किया !डॉ कमल ने पाठशाला बारे विचार रखे और डॉ सुरेन्द्र   की मेहनत ,लगन व् सोच की सराहना की सफीदों से   जे डी ओ के विचार सुनाने के बाद मैने पाठशाला की कमान सँभालते हुए किसानो को खेत में स्थित पोधों की अंदाजा लगा कर संख्या बताने को कहा !22०० से लेकर 6500तक पोधे बताये एक राय नही होने पर गिनती करके सही संख्या मालूम करने का फसला हुआ !जिसके नतीजे में 4355पोधे खेत में मोजूद पाए गये !जब की सब की राय अनुसार 5000के लगभग पोधे खेत में प्रति एकड़ होने चाहिए !किसानो द्वारा  खेत में पोधों की संख्या कम बताई गयी जिसका पैदावर पर असर पड़ेगा !फिर किसानो के 6 ग्रुप बनाए गये !पहले ग्रुप के लीडर खुद बलवान सरपंच बने दुसरे ग्रुप के रामदेवा तीसरे का जय भगवान चोथे का कुलदीप ईगराह पांचवा सत्येवान ईगराह तथा छटे ग्रुप को मैने अपनाते हुए  खेत में दस दस पोधों पर कीड़ो का निरीक्षण किया गया !जिसके अनुसार खेत में प्रति पत्ता 1.1 सफेद मक्खी 1.1 हरा तेला 1.8 चुरडे ओसतन मोजूद हैं !        

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